मुझे मालूम था के लौट के अकेले ही आना है... 
फिर भी तेरे साथ चार कदम चलना अच्छा लगा..
अगर है गहराई तो डूबा दे मुझे
समन्दर नाकाम रहा अब तेरी आँखों की बारी है...

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