वो अपने मेहंदी वाले हाथ मुझे दिखा कर रोई,
अब मैं हुँ किसी और की ये मुझे बता कर रोई,
पहले कहती थी कि नहीं जी सकती तेरे बिना,
आज फिर से वह उसी बात को दोहरा कर रोई,
कैसे कर लुँ उसकी महोब्बत पर शक यारो,
वो भरी महफिल में मुझे गले लगा कर रोई।
अब मैं हुँ किसी और की ये मुझे बता कर रोई,
पहले कहती थी कि नहीं जी सकती तेरे बिना,
आज फिर से वह उसी बात को दोहरा कर रोई,
कैसे कर लुँ उसकी महोब्बत पर शक यारो,
वो भरी महफिल में मुझे गले लगा कर रोई।
Comments