सुबह का हर पल ज़िंदगी दे आपको
दिन का हर लम्हा खुशी दे आपको
जहा गम की हवा छू कर भी न गुज़रे
खुदा वो जन्नत से ज़मीन दे आपको...
बुरा नहीं लगता...
१. धैर्य और संतोष हो तो निर्धनता बुरी नहीं लगती।
२. कपड़े साधारण हों पर धुले और साफ़ हों तो बुरे नही लगते।
३. भोजन भले ही मँहगा न हो पर ताजा और गरम हो तो बुरा नहीं लगता।
४. मनुष्य कुरूप हो पर अच्छे स्वभाव का हो तो बुरा नही लगता।
५. घर छोटा और साधारण हो पर साफ़ सुथरा और व्यवस्थित हो तो बुरा नहीं लगता।
६. तन स्वस्थ और मन प्रसन्न हो तो कुछ भी बुरा नहीं लगता।
हर पल मे खुशी देती है मा,
अपनी ज़िंदगी से जीवन देती है मा,
भगवान क्या है!!! मा की पूजा करो जनाब,
क्यूकी भगवान को भी जनम देती है मा…
दिन का हर लम्हा खुशी दे आपको
जहा गम की हवा छू कर भी न गुज़रे
खुदा वो जन्नत से ज़मीन दे आपको...
बुरा नहीं लगता...
१. धैर्य और संतोष हो तो निर्धनता बुरी नहीं लगती।
२. कपड़े साधारण हों पर धुले और साफ़ हों तो बुरे नही लगते।
३. भोजन भले ही मँहगा न हो पर ताजा और गरम हो तो बुरा नहीं लगता।
४. मनुष्य कुरूप हो पर अच्छे स्वभाव का हो तो बुरा नही लगता।
५. घर छोटा और साधारण हो पर साफ़ सुथरा और व्यवस्थित हो तो बुरा नहीं लगता।
६. तन स्वस्थ और मन प्रसन्न हो तो कुछ भी बुरा नहीं लगता।
हर पल मे खुशी देती है मा,
अपनी ज़िंदगी से जीवन देती है मा,
भगवान क्या है!!! मा की पूजा करो जनाब,
क्यूकी भगवान को भी जनम देती है मा…
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