जब कोई जाना पहचाना व्यक्ति मरता है, तो अचानक एक खालीपन छा जाता है। और उस खालीपन में यह अनुभूति होती है कि तुम भी खाली हो। तुम क्या हो? तुम्हारा जीवन क्या है? शून्य है। केवल मृत्यु नहीं, जीवन भी शून्य है। यह निर्वाण है। मृत्यु का ज्ञान तुम्हें अमर बना देता है। यह भान कराता है कि तुम अमर हो। तुममें कुछ है जो कभी मरता नहीं। 

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