कभी रुक कर ज़रूर देखना
जिसे चोट लगी है कहीं वो अपना ही तो नहीं
अगर वो गैर भी है तो
इस पल उसकी मदद करना ही है सही
किसी की जान जो बचा लो तुम
तुम्हें वो भूलेगा तो नहीं
शायद वो भी किसी की कभी
मदद करेगा ज़रूर कहीं
इसलिए कभी रुक कर ज़रूर देखना
जिसे चोट लगी है कहीं वो अपना ही तो नहीं
जिसे चोट लगी है कहीं वो अपना ही तो नहीं
अगर वो गैर भी है तो
इस पल उसकी मदद करना ही है सही
किसी की जान जो बचा लो तुम
तुम्हें वो भूलेगा तो नहीं
शायद वो भी किसी की कभी
मदद करेगा ज़रूर कहीं
इसलिए कभी रुक कर ज़रूर देखना
जिसे चोट लगी है कहीं वो अपना ही तो नहीं
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