(`'•.¸❥ धूप  में  भी तुम हो, छाओं  में  तुम हो ,
(¸.•'´❥ शहर  में  भी  तुम हो, गाँव में तुम  हो I 
(`'•.¸❥ फूलों  में  तुम  हो, कली में  भी तुम  हो ,
(¸.•'´❥ विचारों की हर एक, गली में भी तुम हो I
(`'•.¸❥ धूप  में  भी तुम हो, छाओं …………..
(¸.•'´❥ शहर  में  भी  तुम हो, गाँव ………….
(`'•.¸❥ सावन  की  काली, घटाओं  में  तुम  हो ,
(¸.•'´❥ आंसुओं की जलती, चिताओं में तुम हो I         
(`'•.¸❥ धूप  में  भी तुम हो, छाओं …………,
(¸.•'´❥ शहर  में  भी  तुम हो, गाँव …………          
(`'•.¸❥ मेरी  सजनी पियारी, यह सौगंध  हमारी ,
(¸.•'´❥ उठा लूँ मैं हर कष्ट, यदि बाहों मेँ तुम हो I
(`'•.¸❥ धूप  में  भी तुम हो, छाओं...................
(¸.•'´❥ शहर  में  भी  तुम हो, गाँव …………….

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